सही वक्त पर हूं और की पहचान....
दिलाएगी आपको बड़ी पहचान....
प्यारे बच्चों!
यह लेख मैंने आपके लिए ही विशेष रूप से लिखा है, यहां बताई गई बातों को बहुत ध्यान से पढ़ना और समझना। आप सभी स्कूल में जाते हैं, पढ़ाई करते हैं, खेलते हैं और विभिन्न गतिविधियों में भाग भी लेते हैं। ऐसा करते हुए आप अपने व्यक्तित्व का निर्माण करते हैं। पर आपको यहां यह समझना है कि शिक्षा का सही मतलब क्या है, इसका मुख्य उद्देश्य किताबी ज्ञान प्राप्त करना नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य अपने अंदर की प्रतिभा को विभिन्न माध्यमों से बाहर निकालना और उनका विकास करना है।
इसके लिए मेरा यह सुझाव है कि आप सभी छोटी कक्षा से ही यह पहचाने कि आप किस क्षेत्र में अच्छा कार्य करते हैं, योग्यताएं और खुबिया हम सब में होती हैं, बस आपको इनकी पहचान करनी है।
इसके लिए आप अपने मित्रों, शिक्षकों और माता-पिता की सहायता ले सकते हैं। अपनी क्षमताओं की सही वक्त पर पहचान करें और जीवन में कुछ बनने का लक्ष्य बनाएं।
यह लक्ष्य ही आपके प्रयासों को सही ऊर्जा प्रदान करेगा।
नीचे कुछ उदाहरण को देखें-
अलीशा और नेहा कक्षा चौथी की छात्राएं हैं ये दोनों कला के क्षेत्र में बहुत अच्छा करती हैं, दोनों ही सर्जनात्मक है। चित्रों और डिजाइनों को यह बहुत ही कलाकारी से बनाती हैं। इन्हें सभी विषयों की पढ़ाई अच्छे से करनी चाहिए पर यदि ये अपनी प्रतिभा का उचित प्रयोग करें तो ये आर्टिस्ट या कार्टूनिस्ट बन सकती हैं। रोहिणी की मौखिक क्षमता अच्छी है और वह किसी भी प्रकरण पर बहुत कम समय में तैयारी करके बोल सकती है, वह एक अच्छी वक्ता बन सकती है। पलक नृत्य में काफी अच्छी है और वह इस प्रतिभा का प्रयोग करके इसमें अपना भविष्य बना सकती है।
इसी प्रकार आप सभी अपनी प्रतिभा को पहचान कर कुछ ना कुछ बनने का लक्ष्य निर्धारित कर सकते हैं।
मेरी ईश्वर से यही कामना है कि वह आपको अपनी काबिलियत समझने में सहायता करें।
शुभकामनाएं- नेहा गुप्ता (व्यक्तिगत विचार)